Monday, January 4, 2010

अहसास

एक मीठा सा अहसास है ...
तुम करीब हो ,
भीगे से है जज्बात है ....
तुम नसीब हो ...
वो भीगे -भीगे पल , अनजानी सी हलचल ,
बहके से ख़यालात है ....
तुम करीब हो ,
तुम्हे नज़र भर के देख लू
छलका दू पैमाने प्यार के ,महके से लम्हात है ....
तुम करीब हो .....
बंद आँखों से ख्वाब सजाने की ,
रुख पे नरमी लाने की ,पाकीजा सी रात है ....
तुम करीब हो ....
तुम हो तो सब है, तुम हो तो रब है,
चांदनी से धुली तारों में सिमटी ,
हसीं कायनात है ...
तुम करीब हो ...
ऐ रब यूँ ही रौशन रहे चिराग- ऐ - इश्क अपना ,
बेफिक्री है सुकून है कितना , आस्मां तक जा पहुची अपनी ये मुलाकात है,
तुम करीब हो...
एक दूजे को सम्हालते यूँ ही उम्र गुजर जाए , हसरतों की तामील है ,
तुम करीब हो...

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