Tuesday, January 12, 2010

रिश्ते

रिश्ते है तो नाम छोटा सा,
जो समेटे अनंत गहनता ,
देते है नाम रिश्ते,
भीड़ में नहीं खोने देते....
खुद से पहचान कराते रिश्ते ,
अर्पण , तर्पण ,समर्पण सिखाते ,
जन्म के साथ मिल जाते रिश्ते ,
करते रहो जब तक अर्पण ...
लुटाते है नेह रिश्ते ,
किन्तु जब चाहो हटकर लीक से कुछ करना ,
परम्पराओं की गठरी दीखाते,
बन जाते है शूल ,चुभाते उल्हनाओं के त्रिशूल रिश्ते,
कभी एक दर्द, कभी एक जाम ,कभी एक पैगाम है...रिश्ते ,
अनुकूल है तो बन जाते है आशीर्वाद रिश्ते ,
अपनों की प्रतिकूलता से बड़ा कोई 'दर्द 'नहीं ,
अपना बना के तो देखो...
हर गम की दवा बन जाते है रिश्ते.....





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